Alfaaz Shayari In Hindi:
Alfaaz Shayari In Hindi
बहुत बोलने वाला इंसान अगर खामोश
हो जाये तो समझ लेना चोट बहुत
गहरी लगी है.
काश एक ख्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर,
वो आके गले लगा ले मेरी इजाजत के बगैर.
बदमाम हो गए है हम तेरे 🧡इश्क़ में इस कदर,
अब पानी भी पियें तो लोग शराबी कहते है।
डाल दो अपनी दुआ के,
चंद अल्फाज मेरी झोली में,
क्या पता आपके लब हीले,
और मेरी जिंदगी बदल जाए।
उसने मुझे छोड़ दिया तो क्या हुआ साहेब,
मैंने भी तो छोड़ा था सारा जमाना उसके लिए।
☺️🥀🍂
सिर्फ लफ्ज़ नहीं ये दिलों की कहानी है,
हमारी शायरी ही हमारे प्यार की निशानी है।
में खुद खफा हूं खुद से
अब क्या शिकायत करू तुमसे.
ना अनपढ रहे, ना काबिल हुए
खामखां ए जिन्दगी, तेरे स्कूल में दाखिल हुए..!
यहा सब खामोश है कोई आवाज़ नही करता,
सच बोलकर कोई किसी को नाराज़ नही करता।
तेरी याद तेरी चाहत शायरी के अल्फाज बन गए,
भरी महफिल में लोग मेरे दर्द को भी वाह वाह कह गए।
कुछ उसे भी दूरियां पसंद आने लगी थी,
और कुछ मैंने भी वक्त मांगना छोड़ दिया.!
वो बदला हुआ कहता है मुझे,
जो पहले जैसा खुद नही रहा अब।
आगे आने वाला शहर कितना भी पसंदीदा हो.
पीछे छूटने वाला सफर बेचैन कर ही देता है।
अल्फ़ाज़ों में क्या बयां करें अपनी मोहब्बत के अफ़साने,
हमारे में तो तुम ही हो तुम्हारे दिल की खुदा जाने।
अगर वो अपना है तो उसे पराया ना कर
मना ले उसे वक्त जाया ना कर।
☺️🥀
ये इश्क भी बेसबब है, हसरतें पाल लेता है,
जमीन का सफर है, और दरिया थाम लेता है।
शराब गम भुला देती है ऐसा किसने कहा
मैंने कई लोगों को नशे में रोते हुए देखा है.
अगर एहसास बयां हो जाते लफ्जों से..
तो कौन करता कद्र खामोशियों की..!!
💔😔💯
आज फिर आप की कमी सी है,
कुछ देर ही सही पर सास थमी सी है।
शायर है हम शराबी नहीं,
जब तक चाय नहीं पीते,
अल्फाज पन्नों पर नहीं बरसते।
कहानियां पूरी कैसे हों
जब किरदार अधूरे हैं.!!
छुपती फिरेंगी शर्म के मारे उदासियां,
बस इक मेरे प्यार के हंसने की देर है।
“बहुत” शोक था दुसरो को खुश रखने का
होश तब आया जब खुद को अकेला पाया।💔
दोस्त बेशक एक हो लेकिन ऐसा हो,
जो अल्फाज से ज्यादा खामोशी को समझें।
पसंद बना के ठुकराया गया है
बुरा नहीं था मैं बनाया गया है..!
💔🥀
कोई तो करता होगा हमसे खामोश मोहब्बत,
हम भी किसी की अधूरी मोहब्बत रहे होंगे !
तेरे सिवा कोई मेरे जज़्बात में नहीं !!
आँखों में वो नमी है जो बरसात में नहीं !!
पाने की कोशिश तुझे बहुत की मगर !!
तू एक लकीर है जो मेरे हाथ में नहीं !!
Two Line Alfaaz Shayari
एक नया फूल खिला अफसाने में,
आज उसने मुड़ कर देख लिया अनजाने में।
हमारे जैसे हजार मिलेंगे
पर उन हजारों में हम नही मिलेंगे.
तुम्हें इतना चाहा कि किसी और को
चाहने की चाहत ही नहीं रही..
शक नहीं यकीन है कोई
किसी का नहीं होता…
इक रात वो जहाँ गया था बात रोक कर,
अब तक बैठा हूँ वही वो रात रोक कर।
वक्त यूं रेत की तरह फिसलता रहा,
कोई मिलता रहा तो कोई बिछडता रहा. !!
हां, याद आया,
उसका आखरी अलफ़ाज़ यही था,
जी सको तो जी लेना,
लेकिन मर जाओ तो बेहतर है।
पसंद बना के ठुकराया गया है
बुरा नहीं था मैं बनाया गया है..!
💔🥀
उतर के जेहन में एहसास कराती है,
सुनो ये मुझे मोहब्बत का आभास कराती है.
अल्फ़ाज़ नही मिले
ससे मिलने के बाद,
अपने दिल का हाल
कहे बिना ही लौट आया।
एक उम्र कटी दो अलफ़ाज़ में,
एक आस मे एक काश में।
ज़िन्दगी यूँ ही बहुत कम है,
मोहब्बत के लिए,
फिर एक दूसरे से रूठकर
वक़्त गँवाने की जरूरत क्या है।
मेरी शायरी का असर उन पर हो भी तो कैसे हो ?
के मैं अहसास लिखता हूँ वो अल्फाज़ पड़ते हैं।
आंखे थक गई हैं !!
आसमान को देखते देखते !!
पर वो तारा नही टूटता !!
जिसे देखकर तुम्हे मांग लूं !!
लिखे हुए अल्फाज तो !!
सभी पढ़ते है साहब !!
कोई खामोशी समझने !!
वाला भी चाहिए !!
कुछ खोए हैं अल्फाज़ मेरे !!
कुछ दिन में भी रानाई है !!
खामोश हुए अरमान भी हैं !!
और फिज़ा में छाई तन्हाई है !!
Dil Ke Alfaaz Shayari
धडकने मिलाकर हम धुन बना लेते हैं,
जब डूब जाता है सूरज हम दिल जला लेते हैं।
दोस्तों से रिश्ता रखा करो,
जनाब तबियत मस्त रहेगी,
ये वो हकीम हैं जो,
अल्फ़ाज़ से इलाज कर दिया करते हैं
शायद इश्क अब उतर रहा है सर से,
मुझे अलफ़ाज़ नहीं मिलते अब शायरी के लिए।
आ लिख दूँ कुछ तेरे बारे में,
मुझे पता है कि तू रोज ढूंढती है,
खुद को मेरे अल्फाजो में।
अगर पसंद नहीं मेरा साथ तो दूर हो जाओ,
ऐसे हर रोज बिजी होने का बहाना मत बनाओ!
❤️🥀❤️
तुम चाहे मुझसे कितनी भी दूर चले जाना,
नहीं भूलूँगा तुम्हारा उस दिन पहले बार सताना।
न अहसास बचे हैं,
न अल्फ़ाज़ बचे हैं,
खो गयी है मुस्कान,
बस राज़ बचे हैं।
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह।
ज़िन्दगी यूँ ही बहुत कम है,
मोहब्बत के लिए,
फिर एक दूसरे से रूठकर
वक़्त गँवाने की जरूरत क्या है।
शायद इश्क अब उतर रहा है सर से,
मुझे अलफ़ाज़ नहीं मिलते शायरी के लिए।
ना अल्फाज झूठे होते है !!
ना शब्दो के अंदाज झूठे होते है !!
लिख हुई हर बात में !!
कुछ सच्चे जज्बात छुपे होते है !!
ये लिखे हुए अल्फाज ही तो !!
मुझे मेरे होने का सबूत देते है !!
वरना इस रूह को अपने !!
रूह की खबर कहाँ !!
महसूस करोगे तो कोरे !!
कागज पर भी नज़र आएंगे !!
हम अल्फ़ाज़ हैं !!
तेरे हर लफ्ज़ में ढल जाएंगे !!
कशिश तो बहुत है मेरे प्यार में !!
लेकिन कोई है पत्थर दिल जो पिघलता नही !!
अगर मिले खुदा तो मांग लूंगा उसको !!
पर सुना है खुदा मरने से पहले मिलता नही !!
Alfaaz Quotes in Hindi
खाली वक्त में कभी याद आऊं
समझ लेना तुम्हारे अंदर कहीं जिन्दा हूँ मै..
एक उम्र कटी दो अलफ़ाज़ में,
एक आस में, एक काश में।
एक नज़र देखूं उसे कि नज़र भर देखूं उसे,
हो जाऊं बस उसका कि इस क़दर देखूं उसे।
इंसान तारों को तब देखता है
जब जमीन पर कुछ खो देता
है !!
तुम्हे सोचा तो हर सोच से खुशबू आई,
तुम्हे लिखा तो हर अलफ़ाज़ महकता पाया।
अगर मैं गलत तो सही तू भी नही,
हारा में इश्क में तो जीती तू नही !!
💔🥀😔
लफ्ज़ नहीं ये मेरे दिल की कहानी है,
मेरी शायरी ही मेरे प्यार की निशानी है।
फासले रख के क्या हासिल कर लिया तूने,
रहती तो आज भी तू मेरे दिल में ही है।
सिमट गई मेरी गजल भी चंद अलफ़ाजो में,
जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं।
खत्म हो गयी कहानी !!
बस कुछ अलफाज बाकी हैं !!
एक अधूरे इश्क की !!
एक मुक़्क़मल सी याद बाकी है !!
कुछ अल्फाज के !!
सिलसिले से बनती है शायरी !!
और कुछ चेहरे अपने !!
आप में पूरी गजल होते हैं !!
कैसे बयां करूं अल्फाज नहीं है !!
दर्द का मेरे तुझे एहसास नहीं है !!
पूछते हो मुझसे क्या दर्द है !!
मुझे दर्द ये ही कि तू मेरे पास नहीं है !!
मुझे तुझसे कोई शिकवा या शिकायत नही !!
शायद मेरे नसीब में तेरी चाहत नही है !!
मेरी तकदीर लिखकर खुदा भी मुकर गया !!
मैने पूछा तो बोला ये मेरी लिखावट नही है !!
Adhure Alfaaz Shayari
वक्त यूं रेत की तरह फिसलता रहा,
कोई मिलता रहा तो कोई बिछडता रहा. !!
कर लेना दिल से बस याद तुम हमको इकबार,
ये दिल आज भी करता है तुम्हारा इंतजार।
जुबान कभी नहीं फिसलती यह हमेशा याद रखें
मन में जो चलता है वही जुबान पर आता है.
अलफ़ाज़ चुराने की हमें जरुरत ही ना पड़ी कभी,
तेरे वे हिसाब ख्यालों ने वे हतासा लफ्ज दिए।
यही एक राहत भी और गिला भी यहीं,
वो मिला तो सही मगर मिला ही नही..!
हमने बस मोहब्बत की थी शिद्दत वाली,
उसने लफ़्ज़ों वादों के हेर-फेर में मार डाला।
हम अल्फाजो से खेलते रह गए,
और वो दिल से खेल के चली गयी।
कुछ उसे भी दूरियाँ पसंद थीं,
और कुछ मैंने भी वक़्त मांगना छोड़ दिया।
हम अल्फाजो से खेलते रह गए,
और वो दिल से खेल के चली गयी।
मत लगाओ बोली अपने अल्फ़ाज़ों की,
हमने लिखना शुरू किया तो तुम नीलाम हो जाओगे।
कमाल की चीज है !!
ये मोहब्बत अधूरी हो सकती है !!
पर कभी खत्म नही हो सकती !!
कभी मोहब्बत करने का दिल !!
करे तो ग़मों से करना मेरे दोस्त !!
सुना है !! जिसे जितनी मोहब्बत करो !!
वो उतना ही दूर चला जाता है !!
खामोशी को चुना है !!
अब बाकी है सफर के लिए !!
अब अल्फाजोंको जाया !!
करना हमें अच्छा नहीं लगता !!
आ लिख दूँ कुछ तेरे बारे में !!
मुझे पता है कि तू रोज ढूंढती है !!
खुद को मेरे अल्फाजो में !!